
कल होगी देशव्यापी मॉक ड्रिल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। इसके मद्देनजर भारत सरकार ने देशव्यापी ‘मॉक ड्रिल’ का आदेश जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का फैसला किया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इससे पहले भारत में इस तरह की मॉक ड्रिल कब हुई थी?
आपको बता दें कि 1971 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया इस तरह का पहला आदेश है। इस तरह की व्यापक मॉक ड्रिल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी। यानी 54 साल बाद एक बार फिर इस तरह का आदेश जारी हुआ है। उस दौरान नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी।
इस बार होने जा रही मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले या अन्य हमलों की स्थिति में शांत रहने, सुरक्षित आश्रय लेने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार करना है। यह अभ्यास खास तौर से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों जैसे- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सामरिक रूप से संवेदनशील जिलों में महत्वपूर्ण होगा। यह मॉक ड्रिल गांव स्तर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें अग्निशमन सेवाएं, होम गार्ड और सिविल डिफेंस संगठन सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
- हवाई हमले की चेतावनी देने का सायरन बजाया जाएगा।
- मॉक ड्रिल के वक्त ब्लैकआउट यानी बत्तियां बुझाकर अंधेरा किया जाएगा।
- आम नागरिकों को हमले के वक्त बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।
- अहम और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से बचाना।
- जोखिम वाली जगहों को खाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का अभ्यास करना।
- छात्रों और सिविल डिफेंस को ट्रेनिंग दी जाएगी, आपात स्थिति में सुरक्षा की तैयारी परखी जाएगी।
- कंट्रोल रूम के संचार उपकरणों को जांचा जाएगा, महत्वपूर्ण सुरक्षा ढांचों को छिपाया जाएगा।
ये भी पढ़ें-
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 7 मई को होगी ‘मॉक ड्रिल’, एक नागरिक के तौर पर क्या करें, और क्या ना करें?
मॉक ड्रिल से पहले अलर्ट पर दिल्ली, कनॉट प्लेस समेत इन जगहों की बढ़ाई गई सुरक्षा

